उच्च रक्तचाप बना किडनी खराब होने का कारण - High Blood Pressure Becomes The Cause of Kidney Failure
आप सभी को नमस्कार, मेरा नाम जिग्नेश पटेल है और मैं गुजरात के गाँधी नगर का रहने वाला हूँ। मैंबीतेकुछही सालों से हाई ब्लड प्रेशर की समस्या से जूझ रहा था जिसकी वजह से दो साल पहले मेरी किडनी खराब हो गई थी। किडनी खराब हो जाने के कारण मुझे बहुत साड़ी दिक्कतों का समान करना पड़ गया था। मैंने अपनी किडनी ठीक करने के लिए बहुत साड़ी दवाएं खाई और कई बार डायलिसिस भी करवाया था। पर मुझे डायलिसिस करवाने से कोई फायदा नहीं मिला था। उल्टा डायलिसिस से मेरी हालत काफी खराब होती जा रही थी। मेरा बचना काफी मुश्किल होता जा रहा था पर मैंने हार नहीं मानी और डॉ. पुनीत जी के कारण मैं एक दम ठीक हो गया।
किडनी खराब होने से पहले कोई ज्यादा बड़ी समस्या नहीं थी, हाँ पर मुझे कुछसाल पहलेसे हाई ब्लड प्रेशर की समस्याजरूर थी। मुझे हाई ब्लड प्रेशर की समस्या एक एक्सीडेंट की वजह से हुई थी, दरअसलकुछ साल पहले मेरा बाइक एक्सीडेंट हो गया था जिसकी वजह से मुझे काफी लंबे समय तक के लिए हॉस्पिटल मेंरहना पड़ा था।उसदौरान मुझे बहुत सी दवाएं लेनी पड़ी थी जो कि काफी जरूरी भी था, क्योंकि मैं बिना उन दवाओं के ठीक नहीं होने वाला था।मैं दवाएं लेने से ठीक तो हो गया था लेकिन अब मेरा ब्लड प्रेशर हाई रहने लग गया था जो कि लगातार हाई होता जा रहा था।उस दौरान ब्लड प्रेशर हाई रहने के कारण मुझे अक्सर कई समस्याओं से जूझना पड़ता था, इसके कारण मेरी तबियत खराब हो जाती थी और मेरा इम्यून सिस्टम भी काफी कमजोर होता जा रहा था।
Ayurvedic Medicine and Treatment for Polycystic Kidney Disease
मैंने इस बारे में डॉक्टर से बात कि तो उन्होंने मुझे बताया कि ज्यादा दवाएं लेने की वजह से अक्सर ऐसी समस्या हो जाती है और इसे डाइट में कुछ बदलाव करने से ठीक किया जा सकता है। मैंने डॉक्टर की बात मानी और अपना ब्लड प्रेशर काबू में करने के लिए अपने खाने पीने में कई बदलाव किए थे, जिससे मुझे काफी आराम भी मिला था। लेकिन बाद में मुझे इसको काबू में रखने के लिए दवाएं खानी शुरू करनी पड़ी। दवाएं लेने से शुरुआत में तो मुझे काफी आराम मिलने लगा था, फिर मुझे लगा की अब मुझे दवाओं की कोई जरुरत नहीं है। अपने आप को स्वस्थ देख कर मैंने दवाएं खानी बंद कर दी और फिर से वही सब खाना पीना शुरू कर दिया, जिससे मेरे ब्लड प्रेशर हाई होने लगा था। एक बार फिर से मेर ब्लड प्रेशर हाई रहने लगा, मैंने फिर से दवाएं लेनी शुरू कर दी।
लेकिन इस बार मामला ज्यादा बिगड़ चूका था, दवाएं लेने से भी इस बार मेरा ब्लड प्रेशर काबू में नहीं आ रहा था। मेरे लगातार बढ़ते ब्लड प्रेशर को देखते हुए घर वालों ने मुझे हॉस्पिटल में एडमिट करवा दिया जहाँ कुछ दिनों तक रहने पर मेरी हालत में काफी सुधार हो गया।लेकिन मुझे ये नहीं मालूम था कि हॉस्पिटल में भी एडमिट होने से कोई खास लाभ नहीं मिलनेवाला क्योंकि अब समस्या ज्यादा बढ़ चुकी है और इस बार इसे ठीक कर पाना काफी मुश्किल होने वाला है। मुझे हॉस्पिटल से वापिस घर आए हुए कुछ दिनों बाद मुझे मेरे शरीर के कुछ हिस्सों में सूजन नज़र आने लगी।सूजन आने की शुरुआत मेरे चेहरे से हुई थी और ये बढ़ते-बढ़ते अब पैरों और हाथों में भी हो चुकी थी। पैरों में आई सूजन की वजह से मुझे चलने फिरने में दिक्कत होने लगी थी। मुझे भूख लगना बंद हो चुकी थी और साथ ही मुझे बार बार उल्टियाँ भी आने लगी थी, अगर मैं कुछ जबरदस्ती खा भी लेता तो मुझेथोड़ी देर बाद उल्टी लग जाती थी, जिसके कारण मैं काफी कमजोर होता जा रहा था।
वहीं दूसरी तरफ अब मेरा ब्लड प्रेशर पहले की तरह हाई रहने लग गया था जो कि कई दवाएं लेने के बाद भी काबू में नहीं आ रहा था और ये मेरे लिए काफी डरावना समय था।घर वालों ने मुझे पास के एक बड़े निजी अस्पताल में एडमिट करवा दिया, जहाँ पर मेरी कई जांच होने के बाद पता चला की मेरी किडनी खराब हो चुकी है इसी कारण मुझे ये सारी दिक्कते हो रही है। डॉक्टर ने मुझसे तुरंत ही डायलिसिस शुरू करवाने के लिए कह दिया, मैंने अगले दिन से ही डायलिसिस शुरू करवा दिया। ठीक होने की उम्मीद में मैंने अगले तीन महीने तक डायलिसिस करवाना जारी रखा। लगातार डायलिसिस करवाने से मेरी हालत लगातार खराब होती जा रही थी। जिसके कारण डॉक्टर ने मुझे किडनी ट्रांसप्लांट करवाने की सलाह दे दी, जिसके लिए मैंने इंकार कर दिया।
कुछ ही दिनों में मुझे मेरे एक दोस्त ने बताया कि दिल्ली में कर्मा आयुर्वेदा के नाम से एक आयुर्वेदिक हॉस्पिटल है, जहाँ पर बिना डायलिसिस के ही खराब हुई किडनी को ठीक किया जाता है। मैंने अपने दोस्त की बात मानी और कर्मा आयुर्वेदा हॉस्पिटल पहुँच गया, वहां पर मेरी मुलाकात डॉ. पुनीत जी से हुई, मैंने उन्हें अपनी सारी रिपोर्ट्स दिखाई जिनको देखने देखने के बाद उन्होंने मुझे बताया की मैं बहुत जल्द ही ठीक हो जाऊंगा, बस समय पर आयुर्वेदिक दवाएं लेनी होगी और खाने पीने का खास ध्यान रखना होगा। मैंने उनकी सारी बाते मानी और ट्रीटमेंट लेना शुरू कर दिया, जिससे मुझे कुछ ही हफ़्तों में आराम मिलने लगा और मैं कुछ ही महीनों में पहले की तरह ठीक हो गया।
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